https://github.com/bdodisha/https-www.bimaldas.co.in-.git Rakhi Raksha bandhan 2022 muhurat time

Rakhi Raksha bandhan 2022 muhurat time

Raksha Bandhan Thread Ceremony Time - after 20:51

 


ରାଧା ବୃନ୍ଦ ଭଦ୍ର ଶେଷ ସମୟ - 20:51 |
ରାଧା ବୃନ୍ଦ ଭଦ୍ର ପୁଞ୍ଚ - 17:17 ରୁ 18:18 |
ରାଧା ବୃନ୍ଦ ଭଦ୍ର ମୁଖ - 18:18 ରୁ 20:00 |

ଭଦ୍ର ଶେଷ ହେବା ପରେ ପ୍ରଡୋଶ ପରେ ମୁହୁରତ ଉପଲବ୍ଧ |

ପୂର୍ଣ୍ଣିମା ତିଥି ଆରମ୍ଭ - 11 ଅଗଷ୍ଟ 2022 ରେ 10:38 |
ପୂର୍ଣ୍ଣିମା ତିଥୀ ସମାପ୍ତ - ଅଗଷ୍ଟ 12, 2022 ରେ 07:05 |
ରାଧା ବୃନ୍ଦାବନ ଉପରେ ରାଧା ବୃନ୍ଦାବନ ଚୋଗାଡିଆ ମୁହୁରାଟ ପାଇଁ ପଞ୍ଚଙ୍ଗ |
2022 ରାଧା ବୃନ୍ଦାବନ |
ପୂର୍ଣ୍ଣାଙ୍ଗ ଦିନ କିମ୍ବା ପୂର୍ଣ୍ଣିମା ଦିନରେ ଶ୍ରାବଣ ମାସରେ ରାଧା ବୃନ୍ଦାବନ ପାଳନ କରାଯାଏ |
ରାଧା ବୃନ୍ଦାବନ ଉପରେ ରାଖୀ ବାନ୍ଧିବାର ସର୍ବୋତ୍ତମ ସମୟ ହେଉଛି ଆପରାହନା ସମୟରେ ଯାହା ଦିନର ହିନ୍ଦୁ ବିଭାଜନ ଅନୁଯାୟୀ ବିଳମ୍ବିତ ରାତିରେ | ଯଦି ଆପରାହନା ସମୟ ଉପଲବ୍ଧ ନଥାଏ ତେବେ ରାଧା ବୃନ୍ଦାବନ ସମ୍ବନ୍ଧୀୟ ରୀତିନୀତି କରିବା ପାଇଁ ପ୍ରଡୋଶ ସମୟ ମଧ୍ୟ ଉପଯୁକ୍ତ ଅଟେ |

ଭଦ୍ର ସମୟରେ ରାକ୍ଷୀ ବାନ୍ଧବ ରୀତିନୀତି କରିବା ଉଚିତ୍ ନୁହେଁ। ଭଦ୍ରା ଦୁର୍ଭାଗ୍ୟଜନକ ସମୟ ଯାହାକୁ ସମସ୍ତ ଶୁଭ କାର୍ଯ୍ୟ ପାଇଁ ଏଡାଇବା ଉଚିତ୍ | ଭ୍ରାଟଜଙ୍କ ସମେତ ଅଧିକାଂଶ ହିନ୍ଦୁ ଧାର୍ମିକ ଗ୍ରନ୍ଥ ରାକ୍ଷୀ ବାନ୍ଧବ ପର୍ବରେ ରାଖୀ ବାନ୍ଧିବା ପାଇଁ ଭଦ୍ରା ସମୟକୁ ଏଡ଼ାଇବାକୁ ପରାମର୍ଶ ଦିଅନ୍ତି |

ଏହା ମନେ ରଖିବା ଉଚିତ ଯେ ପୂର୍ଣ୍ଣିମା ତିଥିର ପ୍ରଥମାର୍ଦ୍ଧରେ ଭଦ୍ରା ବିଜୟୀ ହୋଇଥିଲା। ତେଣୁ କ any ଣସି ଶୁଭ କାର୍ଯ୍ୟ ଆରମ୍ଭ କରିବା ପୂର୍ବରୁ ଭଦ୍ରାକୁ ଅପେକ୍ଷା କରିବା ଉଚିତ୍ | ଉତ୍ତର ଭାରତରେ, ରାଖୀଙ୍କୁ ସକାଳେ ବାନ୍ଧିବା ପ୍ରଥା ଅଟେ ଯାହା ଏହା କରିବା ପାଇଁ ଉପଯୁକ୍ତ ସମୟ ହୋଇନପାରେ | ଅଜ୍ଞତା ହେତୁ ଏହା ହୋଇପାରେ ବୋଲି ଡ୍ରାଇପଚାଙ୍ଗଙ୍କ ଦଳ ବିଶ୍ୱାସ କରନ୍ତି। ଯେତେବେଳେ ଏହିପରି ସୂଚନା ସହଜରେ ଉପଲବ୍ଧ ହୁଏ, ଭଦ୍ର ସମୟରେ ରାଖୀଙ୍କୁ ବାନ୍ଧିବା ଠାରୁ ଦୂରେଇ ରହିବା ଉଚିତ୍ |

କେତେକ ସୂତ୍ର ଭଦ୍ର ମୁଖରୁ ଦୂରେଇ ରହିବାକୁ ଏବଂ ଭଦ୍ର ପୁଞ୍ଚ ସମୟରେ ରାଖୀ ସମାରୋହ କରିବାକୁ ପରାମର୍ଶ ଦିଅନ୍ତି ଯଦି ଭଦ୍ରା ସମୟରେ ଏହା କରିବାକୁ ପଡେ। ତଥାପି ଆମର ବିଶ୍ୱାସ ଏହି ବିଶ୍ୱାସକୁ ବ valid ଧ କରିବା ପାଇଁ କ authority ଣସି ଅଧିକାର ଖୋଜିବାକୁ ସକ୍ଷମ ହେଲା ନାହିଁ |

Raksha Bandhan 2022 Date:

रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। बदले में भाई उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार राखी हमेशा शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर बांधनी चाहिए। वैदिक पंचाग के अनुसार जब चन्द्रमा ग्रह कर्क, सिंह, कुंभ व मीन में गोचर करते हैं और भद्रा विष्टि करण का योग होता है, तब भद्रा पृथ्वीलोक में भ्रमण करती हैं। इस समय सभी शुभ और कार्य वर्जित माने गए हैं।

रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। भद्राकाल के प्रवास के दौरान राखी नहीं बांधी जा सकती। शास्त्रों में भद्रा का समय बहुत ही अशुभ माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, तिथि, भद्रकाल कब शुरू होगा और भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए-

 (Rakshabandhan Date and Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 को सुबह 10:38 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 12 अगस्त को सुबह 7:05 बजे समाप्त होगी। लेकिन रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के लिए चार शुभ मुहूर्त बनाए जाएंगे।

रक्षा बंधन पर शुभ योग (Shubh Muhurt)

आयुष्मान योग: 10 अगस्त शाम 7:35 बजे से 11 अगस्त को 3:31 बजे तक
रवि योग: 11 अगस्त सुबह 5:30 बजे से सुबह 6:53 बजे तक
शोभन योग: 11 अगस्त को 3:32 से 12 अगस्त को 11:33 बजे तक

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त (Rakshabandhan 2022 Muhurt)

पूर्णिमा तिथि आरंभ: 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 12 अगस्त, सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर
शुभ मुहूर्त: 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:06 से 12:57 बजे तक
अमृत ​​काल: शाम 6:55 से रात 8:20 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:29 से 5:17 मिनट तक

इस बार रक्षाबंधन पर रहेगा भद्रा का साया

ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल रक्षाबंधन का पर्व भाद्रा के साथ मनाया जाएगा। 11 अगस्त यानि रक्षाबंधन के दिन शाम 5:17 बजे से भद्रा छाया रहेगी। भद्रा की छाया 5:17 से 6:18 तक रहेगी। इसके बाद शाम 6:18 से 8 बजे तक मुख भद्रा होगी। इस दिन रात 8:51 बजे भद्रा की छाया पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

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